जाने ! रेल के डिब्बो में पानी कैसे और कहां से भरा जाता है? दोस्तों आपने कभी ना कभी रियल में सफल तो क्या होगा और आपने देखा होगा रेल के देबो के अंदर पानी की व्यवस्था होती है जिसे यात्री अपने हाथ धो सकते हैं तथा मुंह धो सकते हैं तथा ना भी सकते हैं क्या आप जानते हैं रेल के डिब्बो में यह पानी कहां से भरा जाता है और कैसे भरा जाता है अगर नहीं तो आज के यह आर्टिकल आपके लिए है क्योंकि आज की इस आर्टिकल की मदद से हम आप लोगों को बताने वाले हैं की रियल के डिब्बो में पानी कैसे भरा जाता है और कहां से भरा जाता है उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा लिखा गया यह आर्टिकल आपको पसंद आएगा ।
रेल के डिब्बो में पानी कैसे और कहां से भरा जाता है?
दोस्तों रेल के डिब्बे में पानी भरने के लिए बड़े-बड़े स्टेशनों पर टंकी की व्यवस्था होती है जब वहां पर ट्रेन जाकर रुकती है तब भारतीय रेलवे के कुछ कर्मचारी आते हैं और नीचे की तरफ दिए गए स्विच में पाइप को लगाकर टंकी की मदद से देबो में पानी भर देते हैं और इसके बाद सुनिश्चित करते हैं कि पानी पूरा भरा गया है या नहीं भरा गया यह वॉटर फिलिंग स्टेशन आमतौर पर बड़े रेलवे स्टेशनों पर होती है जहां पर रेलों का आवाज में अधिक होता है अन्य स्टेशनों पर विशेष रूप से वॉटर फिलिंग स्टेशन स्थापित किया गया है जहां से रेल के डिब्बो में पानी की आपूर्ति की जाती है
क्या ट्रेन के डिब्बो में पानी का टैंक होता है?
यदि आपको परसों यह है की ट्रेन के डिब्बो में पानी का टैंक होता है या नहीं होता तो इसका उत्तर है हां मालगाड़ी को छोड़कर प्रत्येक पैसेंजर ट्रेन में पानी कटिंग होता है और आमतौर पर यह नीचे की ओर स्थित होता है यह टैंक पानी को स्टोर करने के लिए डिजाइन किया गया है और इसे बढ़ाने के लिए विशेष उपकरण होते हैं जिनका हमने ऊपर जिक्र किया है ।
रेल के डिब्बे में पानी भरने की प्रक्रिया
क्विक वायरिंग सिस्टम की मदद से रेल के डिब्बे में पानी भरा जाता है आप समझ सकते हैं कि भारत में जनसंख्या इतनी अधिक है कि बहुत सी रेल लगातार पटरी पर दौड़ती है और ऐसे में उनके मेंटेनेंस के लिए उन्हें समय नहीं मिल पाता जिस वजह से रेलवे की ओर से क्विक वायरिंग सिस्टम का इस्तेमाल किया जाता है इस प्रणाली के तहत एक ट्रेन के सभी देबो में पानी भरने के लिए केवल 10 मिनट का समय लगता है ।
रेलवे द्वारा पानी की निगरानी
जैसा कि आप जानते ही हैं पानी हमारे जीवन में कितना अधिक महत्वपूर्ण है ऐसे में पानी को बर्बाद करना बिल्कुल भी सही नहीं हैक्योंकि हमारी धरती पर पीने लायक पानी बहुत कम मौजूद है इसलिए रेलवे ने भी हाल ही में उन्नत जल स्तर निगरानी प्रणाली को लागू किया है जो पानी के स्तर को रियल टाइम में ट्रैक करती है यह प्रणाली लोरा और जीपीआरएस आधारित संचार का उपयोग करती है जिससे पानी के स्तर की सटीक जानकारी समय-समय पर मिलती रहती है ।
इसके अलावा जब भी रेल के किसी डिब्बे में पानी का स्टार 30% से कम हो जाता है तो गुवाहाटी में कैरिज कंट्रोल को अलर्ट भेजा जाता है जिस ट्रेन के स्टाफ को अगली वॉटर फिलिंग स्टेशन की सूचना मिलती है और वहां पहुंचकर रेल के डिब्बो में पानी भर लिया जाता है
रेल के डिब्बो में पानी भरने के लाभ
जब भी यात्री रेल में सफर करते हैं तो वह सफर लंबा होता है और ऐसे में यात्रियों को शौचालय भी जाना हो सकता है जोगी प्रत्येक डिब्बे में यात्रियों की सुविधा के लिए दिया होता है इसके अलावा कई बार हाथ धोना मुंह धोना जैसे अन्य कार्यों के लिए भी पानी का इस्तेमाल किया जाता है ।
निष्कर्ष
आज के इस आर्टिकल की मदद से हमने आप लोगों को बताया है कि रेल के डिब्बे में पानी कैसे और कहां से और क्यों भरा जाता है तथा रेल के डिब्बे में पानी भरने के लाभ और इससे जुड़ी बहुत सारी जानकारी आपको दी है उम्मीद करते हैं कि हमारे द्वारा दी गई जानकारी आप लोगों को बेहद पसंद आई होगी अगर हां तो इस जानकारी को अपने उन दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें जो रेल में सफर करते हैं और उनको नहीं पता कि रेल के डिब्बो में पानी कहां से और कैसे भरा जाता है।